सर्दियों में खाएं बथुए की सब्जी पुराना से पुराना कब्ज होगा दूर और पेट रहेगा हमेशा साफ


सर्दियों में बाजार में बथुआ बड़ी आसानी से मिल जाता है। लेकिन इसके गुणों से हम अनजान हैं। क्योंकि बथुआ इतने फायदे करता है कि हम सोच भी नहीं सकते। यह पेट संबंधित हर बीमारी में रामबाण उपाय है। इसलिए आयुर्वेद में बथुए का सेवन रोजाना बताया गया है।



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यह है सेवन की विधि 

बथुए के सेवन की विधियां भी अलग  अलग हैं। इसे सब्जी बनाकर भुजिया बनाकर और रायता बनाकर खाया जाता है। लेकिन ध्यान यह रखना है कि जब भी सब्जी या भुजिया बनाएं तो बथुए में सेंधा नमक ही उपयोग में लें। दूसरी बात यह सब्जी या भुजिया हमेशा देसी घी में ही छौंकें। दूसरा तरीका बथुए के पत्तों का जूस बनाकर या फिर बथुए के पत्तों केा पानी में उबालकर उस पानी का सेवन कर सकते हैं।

बथुए के औषधीय गुण

बथुआ पुराने से पुराना कब्ज दूर करता है। बस किसी भी रूप में इसका सेवन रोजाना करना है।
पथरी हो तो एक गिलास कच्चे बथुए के रस में शक्कर मिलाकर रोजाना पिएं। पथरी टूटकर बाहर खुद ही बाहर आ जाएगी।
सिर के बालों में जुएं या लीखें हो गई हों तो बथुए को पानी में उबालकर सिर धो लें। सब निकल जाएंगी।
यदि किसी के आंखों में सूजन आती हो या फिर लाली हो तो उसे प्रतिदिन बथुए की सब्जी खाने को दें। यह बीमारियां सही हो जाती है।

पेशाब सबंधित रोगों में फायदे

तीन गिलास पानी में आधा किलो बथुआ उबाल लें। अब पानी को छान लें और बथुए को भी निकाल कर निचोड लें। इसे फिर से छाने हुए पानी में मिला दें। अब इसमें नींबू जीरा सेंधा नमक कालि मिर्च आदि मिलाकर पी जाएं। यह प्रयोग दिन में तीन बार करें। इससे पेशाब में जलन पेशाब करने के बाद होने वाला टीज या दर्द ठीक हो जाता है। पेट साफ होता है और हल्का हो जाता है।

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